स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया मंथन,
जीरो सेशन से 2500000 विद्यार्थियों को नुकसान
नवी से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए नवंबर में पी सकते हैं स्कूल
दैनिक भास्कर की खबर
कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए यह हो सकती है गाइडलाइन
- बोर्ड कक्षाओं का पाठ्यक्रम कम कर दिया जाए इस पर कवायद शुरू हो गई है |
- नवी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को नवंबर से स्कूल बुलाया जाए|
- अब तक पढ़ाई के जितने कार्य दिवस कम हुए हैं इसकी कुछ हद तक भरपाई के लिए बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन दिल से किया जाए |
- शीतकालीन अवकाश की अवधि को घटा दिया जाए |
- अगले साल मार्च के बजाय अप्रैल या मई में बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन कर लिया जाए जून में परिणाम जारी कर दिया जाए |
पहली से आठवीं तक के बच्चों को दिसंबर में बुलाया जा सकता है स्कूल, और यह हो सकती है गाइडलाइन
- दिसंबर से आठवीं के बच्चों को स्कूल बुलाया जाए ,अन्य कक्षाओं के बच्चों को धीरे-धीरे बुलाया जाए |
- टेस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा वार्षिक परीक्षा के स्थान पर एक ही परीक्षा ले ली जाए|
- उसी के आधार पर बच्चों को प्रमोट किया जाए|
- अलग सेवक बुक बनाई जाए इस वर्क बुक के आधार पर छोटे बच्चों की पढ़ाई करा ली जाए और उसी आधार पर परीक्षा ले ली जाए |
प्रदेश में नवंबर महीने से 9 वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को एक या 2 दिन छोड़कर स्कूल बुलाया जा सकता है इसके बाद अन्य कक्षाओं के लिए धीरे-धीरे स्कूलों को खोला जा सकता है प्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर बुधवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई इसमें सामने आया कि 0 सेशन करने की नौबत नहीं है इसके लिए बच्चों की पढ़ाई होना जरूरी है इसलिए विभाग गाइडलाइन तैयार करें अधिकारियों का मानना था कि जीरो सेवन करने से नबी से 12वीं तक की 2500000 विद्यार्थियों को नुकसान होगा इसलिए विद्यार्थियों की इसमें नहीं है।
बैठक में अन्य राज्यों की स्थिति पर भी चर्चा हुई इसके साथ ही स्कूल खुले और सिलेबस कम करने और परीक्षाओं को लेकर भी चर्चा हुई अब पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाए इसके बाद स्कूल खुलने को लेकर अंतिम निर्णय होगा
इस पोस्ट में आपने देखा कि कब तक खुल सकती है, स्कूल, और कौनसी कौनसी कक्षाओं को पहले बुळ्या जाएगा स्कूल