राजस्थान में शराब की दुकानों का आवंटन की नई प्रक्रिया लागू , वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए

राजस्थान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति जारी की , ऑनलाइन नीलामी से होगा 

अब पहले कि तरह लॉटरी से नहीं होगा दुकानों का आवंटन,
तो जाने कैसे होगा शराब की दुकानों का आवंटन ,
जाने संपूर्ण जानकारी 👇
दुकानों का आवंटन , नीलामी में शामिल होने के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन , बीयर , वाइन और देशी – अंग्रेजी शराब अब एक दुकान पर मिलेगी ।
राजस्थान में अब वाइन, बीयर,व और देशी – अंग्रेजी शराब एक दुकान पर मिलेगी । इसको लेकर राज्य सरकार ने शनिवार को नई आबकारी नीति जारी कर दी । 
1 अप्रेल 2021 से लागू होने वाली इस नीति में देशी की 6665 और अंग्रेजी शराब की 1000 दुकानों को कंपोजिट कर दिया गया है । ऐसे में अब सभी दुकानें 7665 एक ही श्रेणी में आ गई हैं ।
दुकानों का आवंटन ऑनलाइन नीलामी के जरिए किया जाएगा । नीलामी में शामिल होने के लिए पहले आवेदन शुल्क जमा कराकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा । अधिकतम बोलीदाता को दुकान आवंटन की जाएगी । आवेदन शुल्क दुकान की आरक्षित राशि के आधार पर 40 से 60 हजार रुपए तक रखा गया है । यह शुल्क दुकान आवंटन नहीं होने पर भी वापस नहीं होगा । बड़ी बात यह है कि अधिक राशि वसूली की शिकायतों को देखते हुए पोश मशीन से अब दुकानदार को बिल जारी करना होगा । 
शराब उत्पादन ईकाई से रिटेल दुकान तक पहुंचाने की स्काडा सिस्टम से ट्रेक एवं ट्रेस प्रणाली लागू की जाएगी ।
राज्य सरकार ने बड़े शराब ठेकेदारों का एकाधिकार तोडने के लिए वर्ष 2015 में ठेका व्यवस्था को खत्म कर अंग्रेजी शराब दुकान एक – एक और देशी की वार्ड व ग्राम पंचायत वार समूह बनाकर करना शुरू किया था ।
 
इससे इस कारोबार में बड़ी संख्या में आमजन भी आ गए थे । लेकिन अब लॉटरी व्यवस्था खत्म कर ऑनलाइन नीलामी से दुकान आवंटन किए जाने से बोली लगाने में आमजन बड़े शराब कारोबारियों का मुकाबला नहीं कर सकेंगे ।
इसमें  बड़ी बात यह है कि प्रत्येक त्रैमास में गारंटी राशि से कम शराब बिक्री करने पर नकद राशि जमा करानी होगी । 

सालभर में 34.17 करोड़ बल्क लीटर देशी शराब व राजस्थान निर्मित शराब प्रदेश में पिलाने का लक्ष्य रखा गया है । होटल , क्लब , बार में माइक्रो ब्रूवरी की अमुमति दी जा सकेगी ।
 इसी प्रकार राज्य कर्मचारी दुकान आवंटन के लिए नीलामी में भाग नहीं ले सकेंगे । दुकानों के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है । शराब दुखांतिकाओं की रोकथाम के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों की तय की गई है ।

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